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Friday, 22 November 2024 | 12:02 am

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Sanatan Archive



भगवान विष्णु का नृसिंह अवतार: अपने भक्त प्रह्लाद को बचाने एवं आततायी का नाश करने हेतु भगवान विष्णु ने लिया चौथा अवतार

भगवान नरसिंह के अवतार से दो बातें तो चरितार्थ होती हैं कि भगवान हमारे आस-पास हर एक वस्तु में है हर एक इंसान में है हर एक जीव में तभी तो भगवान नरसिंह खंभे से प्रगट हो गए। और दूसरी यह कि जो कोई भी सच्चे मन से भगवान की आराधना करता है भगवान उसका साथ कभी नहीं छोड़ते हैं। प्रहलाद सच्चा भक्त था इसलिए उसका बाल भी बांका नहीं हो सका । कहते हैं ना जाको राखे साइयां मार सके ना कोई। भगवान विष्णु का नृसिंह  अवतार इतना ज्यादा विध्वंसक  था कि स्वयं उनका भक्त प्रह्लाद भी इससे डर गया था। तब भगवान शिव को शरभ अवतार लेकर उन्हें शांत करवाना पड़ा था। भगवान विष्णु के दशावतारों में से नरसिंह अवतार चतुर्थ अवतार है। इसे नृसिंह अवतार भी कहते हैं जिसमें उनका आधा शरीर सिंह तथा आधा मानव का  था।